मुक्तक मंच.... शीर्षक..... सफर लक्ष्य खुद पास, आता नहीं दोस्तो | पुष्प खुद पथ, सजाता नहीं दोस्तो | जिंदगी का सफर है, सुहाना मगर, साथ में कोई' जाता नहीं दोस्तो | " अनुपम आलोक "
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