Sunday, July 5, 2015

अपना चिंतन

मुक्तक मंच.... शीर्षक..... सफर
लक्ष्य खुद पास, आता नहीं दोस्तो |
पुष्प खुद पथ, सजाता नहीं दोस्तो |
जिंदगी का सफर है, सुहाना मगर,
साथ में कोई' जाता नहीं दोस्तो |
                     "  अनुपम आलोक "

No comments:

Post a Comment