अपने जनपद की पहचान पर चार पंक्ति.....
जहां की सरजमी को सिर झुकाते मुल्क के ज्ञानी | जहां की शख्शियत का है नहीं कोई फकत सानी | शहीदों की चिताओं पर भी मेले जोड़ने वाला.. निराला और सुमन..आजाद है, उन्नाव का पानी | (अनुपम आलोक )
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