बहुत असहाय..किस्मत के..सताये हैं..यह बेचारे | है मन्दिर के..कदमचों पर..पड़े जो..भूंख के मारे | जिमा दोगे..निवाला इक, अगर इन..बेसहारों को , बिना मांगे..प्रभू देगें ..तुझे दुनिया के..सुख सारे | (अनुपम आलोक )
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